Monday, July 14, 2008

इतना तो बरस कि ज़मीन गीली हो जाए,
इतना भी मत बरस कि इक आँख भी गीली न हो.............
वो क्या था जो गिरा पानी में और दायरा बनता गया,
बारिश का कतरा या किसी की आँखों से बहता हुआ दर्द...........